भारत छोड़ो आंदोलन में दिल्ली का योगदान

प्रवीण पाठक

भारत छोड़ो आंदोलन में दिल्ली का योगदान



Abstract

में महात्मा गांधी जी द्वारा अंग्रेजो के खिलाफ शुरू किया गया आंदोलन कुछ ही समय के बाद पूरे भारत में आग कि तरह फैल गया। इस आंदोलन के प्रभाव से भारत के राजनीतिक का केंद्र दिल्ली भी अछूता नहीं। रहा। अगस्त प्रस्ताव पारित होते ही दिल्ली में अंग्रेजो के खिलाफ लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे दिल्ली अंग्रेजो के राजनीति का केंद्र थी। इसलिए ब्रिटिश हुकूमत ने बड़े स्तर पर दमन चक्र का सहारा लिया। क्योंकी दिल्ली की गूंज पूरे भारत में सुनाई पड़ती। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में दिल्ली के बहुत से लोग शहीद हुए। इस आंदोलन में छात्रों से लेकर श्रमिक,मजदूर तक ने बढ़ चढ़ कर भाग लिए।

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