हिन्द महासागर क्षेत्र में ड्रग्स और छोटे हथियारों की तस्करी
- Author कुलदीप वर्मा
- DOI
- Country : India
- Subject : रक्षा एवं स्ट्रेतेजिक
हिन्द महासागर क्षेत्र में ड्रग तस्करों के लिये हेरोइन तस्करी के लिये मुख्य उत्पाद है। यह हेरोइन अफीम के पौधे से प्राप्त की जाती है। अफीम की खेती दो मुख्य क्षेत्रों में की जाती है। जिन्हें गोल्डन त्रिभुज तथा गोल्डन क्रीसेंट नाम दिया गया है। गोल्डन त्रिकोण दक्षिण पूर्व एशिया के त्रिकोणीय क्षेत्र को संदर्भित करता है जो म्यांमार, थाईलैण्ड और लाओस को ओवरलैप करता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो कुछ महत्वपूर्ण विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करता है जैसे अफीम की अच्छी गुणवत्ता, उत्पादकता, दूरदराज के ऊपरी इलाके पर्वतीय अल्पसंख्यक आबादी, चरम जातीय विवधता और विद्रोह का लम्बा इतिहास। गोल्डन क्रेसेंट के क्षेत्र में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान शामिल है। यह दुनिया के अग्रणी हेरोइन उत्पादक के क्षेत्र में उभरा है। भारत विश्व में तीन सबसे बड़े हेरोइन और अफीम उत्पादक देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान एवं म्यांमार से घिरा हुआ है। जिसके परिणामस्वरूप ड्रग व्यापार और सशस्त्र सेनाओं के बीच संघर्ष होता ही रहता है।
Comments
No have any comment !