भारत-चीन के मध्य विवादास्पद क्षेत्र : बदलता रणनीतिक परिदृश्य एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

अक्षय कुमार यादव

भारत-चीन के मध्य विवादास्पद क्षेत्र : बदलता रणनीतिक परिदृश्य एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

Keywords : निर्णायक, कुटिल, चीनी, विचारधारा, वेई-ची।


Abstract

कनफ्यूसियस का 2000 साल पुराना बोर्ड पर खेला जाने वाला एक खेल है, जिसका नाम वेई-की या वेई-ची है। अनेक लड़ाईयों और सामरिक घेराबन्दी में इस खेल का उच्चारण वे-ची के रूप में किया जाता है, जिसका अर्थ है-‘‘घेराबन्दी का खेल।’’ पश्चिम में दक्षिण के नाम से मशहूर वे-चीन में एक निर्णायक मुठभेड़ की बजाय लड़ाई का विस्तृत दायरा होता है, जिसमें अनेक मोर्चें होते है। यह त्वरित रणनीतिक फायदे की बजाय दूरगामी योजना पर जोर देता है। यह एक उलझाऊ खेल है, जोकई घंटे तक चल सकता है। यह खेल चीनी रणनीतिक संबंधों का प्रमुख आधार है।
चीन 13 देशों से घिरा है और इतने ही विवाद उसे विरासत में मिले है इसके लंबे उथल-पुथल ने देशवासियों को यह सलाह दी, ‘‘सारी समस्याएँ सुलझाई नहीं जा सकती है।’’ उसके अनेक शत्रु थे, खतरा का आशका भी अधिक था। इस कारण चीनिया की सोच है कि परिस्थितियों पर पूर्ण नियंत्रण की उम्मीद करना अव्यावहारिक है। इस कारण उन्हें पूर्ण लाभ की अपेक्षा लम्बे संघर्ष की आदत पड़ गई है। किसिंगर लिखते है, ’’चीनी परंम्परा में जहां निर्णायक युद्ध और बहादूरी के कारनामों पर जो दिया जाता है, वहीं चीन विचारधारा कुटिल, अप्रत्यक्ष और धैर्य से प्राप्त लाभ पर जोर देती है।’’ भारत में पश्चिम की तरह ही युद्ध का लोकप्रिय खेल है, शतरंज। इसकी जड़े भारत में है। शतरंज के खेल का एकमात्र ध्येय शत्रु पर विजय प्राप्त करना होता है। इस खेल में प्रत्येक खिलाड़ी दूसरे की सेना का सफाया कर तथा राजा को शह देकर स्पष्ट देकर स्पष्ट जीत हासिल करना चाहता है। शतरंज के खेल में पूर्ण विजय या ड्रॉ होता है, जहां दोनों पक्ष जीत की आस छोड़कर पीछे हट जाते है। यह खेल भारतीय रणनीतिक संबंधों का प्रमुख आधार स्तम्भ है।

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