आधुनिक भारत में अछूतोद्धार के विभिन्न प्रयास (अलवर के विशेष संदर्भ में)

अनुराग यादव

आधुनिक भारत में अछूतोद्धार के विभिन्न प्रयास (अलवर के विशेष संदर्भ में)

Keywords : आधुनिक भारतए यूरोपीयन शक्तिए जाति सामाजिक व्यवहारए ब्रिटिश शासन


Abstract

यूरोपीयन शक्ति ने भारत में आकर जिस भारतीय समाज की विचित्र विशेषता को देखा वो थी, भारतीय जातीय व्यवस्था। ग्रामीण क्षेत्रों में नगरों की अपेक्षा इसका अधिक चलन था। जाति सामाजिक व्यवहार के नियमों को निश्चित करती है, जिनका उल्लंघन नहीं किया जा सकता था। एक जाति की प्रथाएं, रीतियां एवं व्यवहार के नियम दूसरी जाति से भिन्न होते हैं। धीरे-धीरे ब्रिटिश शासन के फलस्वरूप जो नया समाज विकसित हुआ उसका स्वरूप अलग था। उनके अनुसार परम्परागत सामाजिक संस्थाओं और नैतिक धारणाओं में बदलाव लाना अत्यावश्यक था, क्योंकि यह राष्ट्र की प्रगति और खुशहाली में बाधक था। अतः नयी सामाजिक आवश्यकताओं, नए संबंधों, नए विचारों के सृजन समाज में प्रचलित रूढ़ियों और पश्चिमी शासन से उत्पन्न नई विचारधारा को भारतीय परम्परागत मूल्यों में इन सामाजिक भेदभाव के विरूद्ध समाज सुधारकों द्वारा आंदोलन चलाए गए।1

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