सीकर शहर में नगरीकरण की प्रवृत्ति का अध्ययन, राजस्थान

सुनिता

सीकर शहर में नगरीकरण की प्रवृत्ति का अध्ययन, राजस्थान

Keywords : नगरीकरण, सीकर शहर, शिक्षा सुविधाएं, पर्यटन उद्योग, उपनगरीय, शहरीकरण, सांविधिक, वाणिज्यिक, आंकड़ा इंटरनेट, चतुर्भुजाकार।


Abstract

नगरीय क्षेत्रों का भौतिक विस्तार या उसके क्षेत्रफल, जनसंख्या आदि में अधिक वृद्धि ’नगरीकरण’ कहलाता है। यह एक वैश्विक परिवर्तन है। नगरीय क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र होता है जहाँ पर जनसंख्या घनत्व और मानवीय क्रियाकलाप उस क्षेत्र के आसपास के क्षेत्रों से अधिक होता है। नगरीय क्षेत्र में आमतौर पर नगरों, कस्बों, या उपनगरीय विस्तारों को सम्मिलित किया जाता है लेकिन इसमें ग्रामीण क्षेत्रों को सम्मिलित नहीं किया जाता। नगरीय क्षेत्र के विस्तार का मापन जनसंख्या घनत्व और अव्यवस्थित फैलाव के विश्लेषण के लिए और नगरीय और ग्रामीण जनसंख्या के निर्धारण के लिए किया जाता है। शहरीकरण को भारत में 5000 व्यक्तियों की न्यूनतम आबादी को शहरीकरण के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें 75 प्रतिशत पुरुष गैर-कृषि गतिविधियों में शामिल हैं और प्रति वर्ग किमी कम से कम 400 व्यक्तियों का घनत्व हो। इसके अलावा, एक नगर निगम, नगर परिषद या नगर पंचायत के साथ-साथ एक छावनी बोर्ड वाले सभी सांविधिक कस्बों को “अर्बन“ के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। सीकर शहर में भी लगातार शिक्षा सुविधाओं एवं आधारभूत सुविधाओं के विकास के कारण नगरीकरण में वृद्धि दर्ज की गई है। यहां नगरीकरण हेतु पर्यटन उद्योग का भी महत्वपूर्ण स्थान है।

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