‘‘वैश्वीकरण के सन्दर्भ में भारतीय संगीत का अवलोकन’’
- Author अनुराधा सिंह
- DOI
- Country : India
- Subject : हिंदी
वर्तमान समय में वैश्वीकरण को आज जितना व्यापक विषय के रूप में माना जाता है उतना ही उसमें विभिन्न मत है। कुछ विद्वान इसे एक आर्थिक संकल्पना मात्र समझते हैं। उनके लिए वैश्वीकरण उदारीकरण है, निवेश है और निजीकरण है। कुछ विचारक वैश्वीकरण का आशय सांस्कृतिक आदान-प्रदान के सन्दर्भ में निकालते हैं और अन्य की दृष्टि में वैश्वीकरण वृहद् सामाजिक प्रक्रिया है जो सम्पूर्ण मानव-जीवन को अपने अन्दर समाहित कर लेती है। संगीत हमारी भारतीय संस्कृति का अटूट अंग है और जब संस्कृति में कोई बदलाव आता है तो उससे संगीत भी निश्चित रूप से प्रभावित होता है। वैश्वीकरण ने हमारी मूल्य आधारित भारतीय संगीत की परम्परा को अवश्य प्रभावित किया है।
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