राजस्थान की सशस्त्र क्रांति में जननायकों के योगदान का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
- Author बालकिशन कुमावत
- DOI http://wwj
- Country : India
- Subject : इतिहास एवं भारतीय संस्कृति
राजस्थान में स्वाधीनता आंदोलन चलाने में अनेक जन नायकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। विभिन्न जन आंदोलन के माध्यम से वे मातृभूमि की मुक्ति के पवित्र लक्ष्य के लिए लड़ते रहे। उनकी कष्ट सहने की शक्ति, सहिष्णुता, त्याग, बलिदान और देशप्रेम की गाथाएं आज भी मन को रोमांचित और प्रेरित करती है। राजस्थान के प्रमुख जननायकों में अब्बास बेग मिर्जा अकबर खाँ, भैरूसिंह जोधा, हृदय दयाल भट्नागर, सलीम खाँ, गुल मोहम्मद, हीरा सिंह, मुन्नवर खाँ, नबीशेर खाँ, बाल मुकन्द बिस्सा, दामोदर राठी, नानक भील, केसरी सिंह बारहट, जोरावर सिंह बारहट, मोहन लाल सुकाडिया, हरदेव सिंह जोशी, घासी राम चौधरी, सरदार अली, अमर चन्द भाटीया, ठाकुर कुशाल सिंह, गोविन्द गिरी, मोतीलाल तेजावत, गोपाल सिंह खरवाह, विजय सिंह पथिक, अर्जुन लाल सेठी, गोकुल भाई भट्ट, नयनूराम शर्मा, जानकी देवी बजाज, नारायणी देवी वर्मा, जमना लाल बजाज, गोकुल लाल असावा, बाबा नर हरिदास, कपूर चन्द पाटनी, ऋषि दत्त मेहता, स्वामी केशवानन्द, शोभा राम कुमावत, पं. युगल किशोर चतुर्वेदी, बाबूराज बहादूर, हरदेव जोशी, पं. अभिन्न हरी, टीकाराम पालीवाल, सागरमल गोपा, कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी, चन्दमल बहड, श्याम जी कृष्ण वर्मा का भारत की सशस्त्र क्रांति में राजस्थान के इन वीर जननायकों का महत्वपूर्ण योगदान परिलक्षित होता है।
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