कोविड-19 वैश्विक महामारी के संदर्भ में केन्द्र-राज्य संबंधों का एक विशलेषणात्मक अध्ययन
- Author डॉ. चन्द्रदीप नन्दलाल यादव
- DOI
- Country : India
- Subject : राजनीति विज्ञान
2019-20 कोरोन वायरस महामारी चीन से 30 जनवरी 2020 को भारत में फैलाने की पुष्टि हुई थी। इस वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर के हूबेई स्थान पर हुई थी तथा इससे फैलने वाले रोग को ब्वअपक.19 (कोरोना) नाम दिया गया। भारत में इसका पहला मामला तश्शूर (केरल) में सामने आया। इस प्रकोप को एक दर्जन से अधिक राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में महामारी घोषित किया गया जहाँ महामारी रोग अधिनियम 1987 के प्रावधानों को लागू किया गय तथा इस महामारी से निपटने के लिए केन्द्र एवं राज्यों की सरकारों ने मिलकर सहयोगी संघवाद को अपनाते हुए केन्द्र सरकार द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपने-अपने राज्यों में लॉक डाउन लागू किया, शैक्षिणिक संस्थानों और वाणिज्यिक संस्थानों को पूरी से तरह से बंद कर दिया था साथ ही भारत सरकार ने पर्यटक वीजा को भी निलंबित कर दिया था क्योंकि अधिकांश पुष्ट मामले अन्य देशों से लौटे लोगों में पाये गये हैं मार्च के प्रारम्भ में दिल्ली के निजामुद्धीन मरकज मस्जिद में होने वाला तबलीगी जमात नामक मजहबी जन समूह कोरोना वायरस के एक तीव्र प्रसारक घटना के रूप में सामने आया। भारत सरकार, राज्य सरकार एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने कुछेक मतभेदों को छोड़कर कोविड-19 नामक महामारी से निपटने में मिलजूल कर प्रयास किये गये जिससे भारत में सहयोगी संघवादी ढ़ाचें का स्वरूप नजर आया।
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