भारत में महिला सषक्तिकरण एक विष्लेषणात्मक अध्ययन

Keywords : महिला सषक्तिकरण, भारत की नारी, मानवता की प्रगति, राजनीति विज्ञान


Abstract

महिला - “वो शक्ति है, सषक्त है, वो भारत की नारी है, न ज्यादा में, न कम में, वो सब में बराबर की अधिकारी है।”
“ चाहे खेल हो या अंतरिक्ष विज्ञान, हमारे देष की महिलाऐं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। वे कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ रही हैं और अपनी उपलब्धियों से देष का नाम रोषन कर रही हैं।”
मानवता की प्रगति महिलाओं के सषक्तिकरण के बिना अधूरी है। आज मुद्दा महिलाओं के विकास का नहीं, बल्कि महिलाओं के .................... वाले विकास का है।” पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा कहा गया मषहूर वाक्य “लोगों को जगाने के लिये”, महिलाओं का जागृत होना जरूरी है। एक बार जब वो अपना कदम उठा लेती है, परिवार आगे बढ़ता है, गाँव आगे बढ़ता है। और राष्ट्र विकास की ओर उन्मुख होता है। आज के समय में महिला सषक्तिकरण एक चर्चा का विषय है, खासतौर से पिछडे़ और प्रगतिषील देषों में क्योंकि उन्हें इस बात का काफी बाद में ज्ञान हुआ कि बिना महिलाओं की तरक्की और सषक्तिकरण के देष की तरक्की संभव नहीं है। भारतीय समाज शुरू से ही पुरूष प्रधान रहा है। यहाॅ महिलाओं को हमेषा से दूसरे दर्जे का माना जाता है। पहले महिलाओं के पास अपने मन से कुछ करने की सख्त मनाही थी। परिवार और समाज के लिए वे एक आश्रित से ज्यादा कुछ नहीं समझी जाती थी। ऐसा माना जाता था कि उसे हर कदम पर पुरूष के सहारे की जरूरत पडे़गी ही।

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